balkishan
Thursday 9 June 2011
मन की खुशी
आज ना जाने क्यूँ ऐसा लग रहा है कि एक सालों से अधूरा सा कोई काम कर लिया । वर्षो से सोचता रहा कि एक ऐसा जरिया बनाऊ जहां मैं अपना मन खोल कर रख दूँ । आज पहला दिन है बहुत सारी बातें हैं जो करनी हैं आगे करते रहेंगे ।
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